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State Award to Teachers
Department of Basic Education
राज्य अध्यापक पुरस्कार के आवेदन पत्र की अन्तिम तिथि समाप्त हो गई है |
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राज्य अध्यापक पुरस्कार-2022
राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु पुनरीक्षित नियमावली/ दिशा निर्देश एवं समय सीमा
शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार की व्यवस्था का उद्देश्य प्रदेश एवं जनपदों के सर्वोत्तम शिक्षकों के अनुपम योगदान को प्रोत्साहित करना है एवं उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता एवं परिश्रम के माध्यम से न केवल विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में अपना योगदान दिया है बल्कि उन्होंने अपने विद्यार्थियों के जीवन को समृद्धशाली भी बनाया है |
राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष 2022 हेतु परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों/अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत अध्यापक/अध्यापिकाओं के चयन हेतु ऑनलाइन वेब पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से आवेदन पत्र दिनांक: 16 अप्रैल 2023 से 31 मई 2023 के मध्य आमंत्रित किये जाते है |
पुरस्कार हेतु शिक्षकों की अर्हता एवं शर्तें:-
1- उ0प्र0 राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत केवल नियमित अध्यापक/अध्यापिकाएं आवेदन करने के लिए अर्ह होंगे |
2- संविदा शिक्षक एवं शिक्षा मित्र इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं होंगे |
3- अवकाश प्राप्त /सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं होंगे |
4- शैक्षिक प्रशासक, विद्यालय निरीक्षक एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रशिक्षक इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं हैं |
5- जो शिक्षक राज्य/राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके है वे शिक्षक आवेदन न करें|
6- शिक्षक व्यक्तिगत ट्यूशन में संलिप्त न हों |
7- शिक्षक की स्थानीय समुदाय में अच्छी छवि हो तथा शिक्षक द्वारा समाज, अभिभावकों, विद्यार्थियों आदि को उत्प्रेरित करने का कार्य किया गया हो जिससे कि वे विद्यालय के विकास में योगदान दे | (जैसे- भौतिक, मूल रूप सुविधाएँ, कंप्यूटर, मध्याह्न भोजन, कोष/धन, किताबें आदि)
8- शिक्षक की शैक्षिक क्षमता एवं उसमें सुधार किए जाने की चेष्टा |
9- समुदाय में शिक्षक की सहभागिता तथा शैक्षिक नेतृत्व प्रदान किया जाना |
10- बच्चों के प्रति वास्तविक स्नेह रखना |
11- राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्रीय एकता के विकास में शिक्षक का योगदान |
12- शिक्षक के सेवा अभिलेख उत्कृष्ट श्रेणी के हों |
शिक्षकों के चयन हेतु अन्य विचारणीय बिंदु:-
1- विद्यालय में नामांकन बढ़ाने तथा Drop out घटाने के उपाय किए हों| इस प्रसंग में गत पांच वर्षों का नामांकन क्या रहा, उल्लेखित किया जाय| UDISE से सत्यापन कर लिया जाए (साक्ष्य संलग्न किए जाए)|
2- पिछले 05 वर्षों में आलेख्य पेपर्स, पुस्तकों आदि का प्रादेशिक, राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन, पाठ्य-पुस्तक, अध्यापक हैण्ड बुक,प्रशिक्षण मॉड्यूल आदि के विकास में योगदान|
3- शिक्षक द्वारा आई0सी0टी0 आधारित अभिनव प्रयोग जैसे ई-कन्टेन्ट, मोबाइल ऐप,ऑडियो, वीडियो स्वरुप में शिक्षण सामग्री का निर्माण |
4- शिक्षक ने अपनी शैक्षिक /व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने का प्रयत्न किया हो, उच्चतर शिक्षा, परास्नातक, पीएचडी डिग्री सेवा में आने के उपरांत प्राप्त की गई हो तथा सेवारत प्रशिक्षणों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया हो|
5-शिक्षक पढाने के पूर्व पर्याप्त तैयारी अर्थात पाठ्य योजना निर्माण, सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण करते हो तथा दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री का उनके द्वारा उपयोग किया जाता हो |
6- अध्यापक/अध्यापिका का शिक्षक /प्रशिक्षक के रूप में सराहनीय योगदान रहा है | शिक्षण विधि, टी0एल0एम0 के लिए शिक्षक जनपद / राज्य स्तर पर पुरस्कृत हों|
7- विद्यालय के बच्चों ने पाठ्य सहगामी क्रिया कलापों-क्रीड़ा प्रतियोगिता, रेडक्रॉस, स्काउट एवं गाइड में जनपद/मण्डल/राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किया हो |
8- शिक्षक द्वारा समुदाय के सहयोग से विद्यालय के भौतिक संसाधनों में अभिवृद्धि की गई हो|
मूल्यांकन प्रक्रिया
राज्य चयन समिति द्वारा शिक्षकों का मूल्यांकन, मूल्यांकन मैट्रिक्स (जो कि अनुलग्न्क-1 के रूप में दिया गया है) एवं प्रस्तुतीकरण/ साक्षात्कार के आधार पर किया जायेगा| मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन मैट्रिक्स के तीन भाग हैं|
1-
वस्तुनिष्ठ मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के सापेक्ष अंक प्रदान किया जायेगा | इन मानकों को 40 अंको का अधिभार प्रदान किया जायेगा|
s
2-
प्रदर्शन आधारित (कार्य परक) मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को कार्य के मानक के आधार पर अंक प्रदान किये जायेंगे | जैसे:- अधिगम संप्राप्ति में सुधार हेतु उठाये गए कदम, शिक्षण में अभिनव प्रयोग, पाठ्य सहगामी एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों का आयोजन, शिक्षण अधिगम सामग्री, सामाजिक गतिशीलता, अनुभव के आधार पर शिक्षण अधिगम, विद्यार्थियों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने हेतु अनूठे तरीके एवं राज्य/ राष्ट्रीय स्तर पर कोई अन्य उपलब्धि/ पुरस्कार/प्रमाण पत्र ,अध्यापकों द्वारा निपुण भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु किये गए कार्य एवं प्रयास इत्यादि | इन सभी मानकों के लिए 40 अंको का अधिभार प्रदान किया जायेगा |
3- उक्त के अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण/साक्षात्कार हेतु 20 अंक निर्धारित है |
आवेदन एवं चयन की प्रक्रिया:-
1- सभी आवेदन निर्धारित ऑनलाइन ‘प्रेरणा’ वेब पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से स्वीकार किये जायेंगे| ऑफलाइन माध्यम से कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा |
2- शिक्षक द्वारा स्वयं प्रत्यक्ष रूप से निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत ‘प्रेरणा‘ वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जायेगा |
3- आवेदन पत्र के साथ ऑनलाइन पोर्टफोलियो दाखिल किया जायेगा| पोर्टफोलियो में कार्य से सम्बन्धित सामग्री जैसे कि अभिलेख, टूल्स, गतिविधियों की सूचना, फील्ड भ्रमण, फोटो, ऑडियो या वीडियो सम्मिलित है|
4- प्रत्येक आवेदक द्वारा इस आशय की घोषणा की जाएगी कि उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी प्रत्येक सूचना/डाटा उसके सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सत्य एवं विश्वसनीय है और यदि किसी भी समय सूचना/डाटा गलत पाया गया तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी|
5- जनपदीय चयन समिति/ राज्य चयन समिति द्वारा संस्तुत किये गए शिक्षक के सम्बन्ध में यह भी ध्यान रखना होगा की किसी भी ऐसे कृत्य में सहभागी न रहे हो यथा शासकीय धनराशि का गबन, शासन, प्रशासन के विरुद्ध आन्दोलन हेतु प्रेरित करना आदि |
6- ऐसे शिक्षक के सम्बन्ध में विचार नहीं किया जायेगा जो जेल में निरुद्ध रहे हो अथवा विभागीय कार्यवाही के अंतर्गत दण्डित हुए हो अथवा किसी न्यायालय द्वारा दण्डित किये गए हों|
7- यह भी देखा जाएगा कि सम्बन्धित शिक्षक के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही गतिमान तो नहीं है अथवा उनके विरुद्ध कोई विधिक/ आपराधिक / सतर्कता की जाँच की कार्यवाही लंबित तो नहीं है|
8- शिक्षक का चरित्र, विशिष्ट शैक्षिक उपलब्धियों ,नियमित उपस्थिति ,नवाचार, स्थानीय क्षेत्र में उनकी सामान्य छवि,सामाजिक सहभागिता इत्यादि कार्यो का सत्यापन जनपदीय चयन समिति द्वारा कराया जायेगा |
9- नियमित सेवा के पूर्व तदर्थ सेवाएँ तथा विच्छेदित सेवाएँ बगैर मर्षण (कण्डोन) के ही नियमित सेवा के रूप में जोड़कर राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु संस्तुतियां की जाए | इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि अध्यापकों के पुरस्कार के सम्बन्ध में यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए कि यदि शिक्षक ने अवकाश का उपयोग अनियमित ढंग से किया हो तो पुरस्कार हेतु उसके नाम पर विचार नहीं किया जायेगा| सम्पूर्ण सेवा की गणना करते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि नियमित सेवा दो अन्तरालों में है तो उसका मर्षण (कण्डोन) हुआ है अथवा नहीं | मर्षण (कण्डोन) से सम्बन्धित आदेश की प्रति अनिवार्य रूप से संलग्न की जाय |
10- राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु आवेदन करने वाले शिक्षकों के सम्बन्ध में उपर्युक्त बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए जनपदीय चयन समिति द्वारा संलग्न मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर प्रत्येक जनपद से अधिकतम 03 श्रेष्ठ शिक्षको का चयन किया जायेगा तथा जनपदीय चयन समिति द्वारा हस्ताक्षरयुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित सतर्कता एवं सत्यनिष्ठा प्रमाण-पत्र (Vigilance Clearance & Intergity Certificate) सहित उनके आवेदन पत्र राज्य चयन समिति को पोर्टल के माध्यम से अग्रेषित किये जायेंगे | उक्त प्रमाण पत्र के बिना आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा |
जनपद चयन समिति:-
शिक्षक द्वारा प्रेषित आवेदन पत्रों की प्रथम स्तर पर जाँच जनपद चयन समिति द्वारा की जाएगी | जनपद चयन समिति निम्नवत होगी:-
1. प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
-अध्यक्ष
2. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
-सदस्य सचिव
3. जिलाधिकारी द्वारा नामित एक शिक्षाविद्
-सदस्य
जनपद चयन समिति के कार्य:-
1. सत्यापन समितियों का गठन करके आवेदक द्वारा उपलब्ध कराये गये तथ्यों/सूचनाओ का भौतिक सत्यापन |
2. जनपद चयन समिति द्वारा अनुलग्न्क-I में दिए गए प्रारूप के अनुसार आवेदकों का मूल्यांकन/अंकन |
3. जनपद चयन समिति द्वारा प्रमाणित किया जायेगा की तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अंक प्रदान किये गए है |
4.आवेदनों के विस्तृत मूल्यांकन के बाद जनपद चयन समिति द्वारा 3 नामो को शोर्टलिस्ट किया जायेगा तथा तीनो आवेदकों में से प्रत्येक के सतर्कता एवं सत्यनिष्ठा प्रमाण-पत्र के साथ उनको ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राज्य चयन समिति को अग्रेषित किया जायेगा |
5.जनपद चयन समिति द्वारा अध्ययन की विभिन्न शाखाओं जैसे विज्ञान,कला,संगीत,शारीरिक शिक्षा आदि में शिक्षकों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जा सकता है |
राज्य चयन समिति :-
उOप्रO शासन के निर्देशानुसार राज्य स्तर पर एक
'राज्य चयन समिति'
का गठन किया जायेगा |
राज्य चयन समिति के कार्य:-
राज्य चयन समिति द्वारा मुख्यतः निम्नवत कार्य सम्पादित किये जायेंगे |
क- जनपदीय चयन समिति द्वारा प्रेषित/संस्तुत शिक्षको के ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों का राज्य चयन समिति द्वारा पुनः परिक्षण कर मूल्यांकन किया जायेगा |
ख- आवेदक द्वारा राज्य चयन समिति के समक्ष अपना साक्षात्कार/प्रस्तुतीकरण दिया जायेगा |
ग- राज्य चयन समिति द्वारा आवेदन पत्रों के मुल्यांकन के उपरान्त जनपदवार सर्वोत्तम एक अभ्यर्थी के चयन की संस्तुति करते हुए सूची अनुमोदनार्थ शाशन को प्रेषित की जायेगी तथा शाशन से अनुमोदनोपरान्त सार्वजनिक की जायेगी |
डॉo (महेन्द्र देव)
शिक्षा निदेशक (बेसिक)
उoप्रo, लखनऊ |
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